धर्मस्थल हत्याकांड: मंदिर नगर की हत्या की घटनाएँ उजागर
धर्मस्थल, कर्नाटक का 800 वर्ष पुराना तीर्थस्थल, एक अभूतपूर्व अपराधिक घोटाले के केंद्र में आ गया है। जुलाई 2025 में इस प्रतिष्ठित धर्मस्थल के एक पूर्व सफाईकर्मचारी ने दावा किया कि उन्हें लगभग दो दशकों तक नेत्रावती नदी के किनारे गुप्त कब्रों में सैकड़ों शव—ज्यादातर महिलाएँ और बालिकाएँ—दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने कथित पीड़ितों के शवों पर बलात्कार, गला घोंटने और एसिड के दाग़ के निशान देखे, और कहा कि मंदिर के शक्तिशाली निरीक्षणकर्ताओं ने उन्हें और उनके परिवार को मौत के भय से धमकी दी थी। इन सनसनीखेज आरोपों ने एक शांतिपूर्ण तीर्थस्थल को रहस्यमयी सामूहिक कब्र जांच का केंद्र बना दिया।
प्रमुख घटनाओं का समय-क्रम
वर्ष/तारीख | घटना |
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1987 | 17-वर्षीय पद्मलता के बलात्कार व हत्या के बाद धर्मस्थल में विरोध-प्रदर्शन शुरू; संदिग्ध सांख्यिकीय छुपाने की आशंका। |
2003 | चिकित्सा छात्रा अनन्या भट़ का अचानक लापता होना; उनकी माँ सुजाता भट़ ने पुलिस पर मामले को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाया। |
2012 | 17-वर्षीय सौजन्या की हत्या के बाद #JusticeForSowjanya आंदोलन; स्थानीय लोग मंदिर संबंधी कनेक्शन की आशंका जताते हैं। |
जून 22, 2025 | वकीलों ने सूचना दी कि मुखबिर सबूत देने के लिए तैयार हैं, जिनमें खुद उत्खनन किया शरीर भी शामिल है। |
जुलाई 3, 2025 | 48 वर्षीय दलित शिकायतकर्ता ने धर्मस्थल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई; मामले में सुरक्षा की मांग की। |
जुलाई 4, 2025 | आधिकारिक तौर पर मामला दर्ज; कर्नाटक पुलिस ने पड़ताल शुरू की एवं गवाह सुरक्षा मुहैया कराई। |
जुलाई 11, 2025 | सराउंडेड पर सुरक्षा के साथ बेलठंगड़ी न्यायालय में गवाह का बयान दर्ज; एक्सहोम किए खोपड़ी की तस्वीरें जमा कीं। |
जुलाई 17, 2025 | वकीलों ने CJI को पत्र लिखा, गवाह के नोट्स लीक होने का आरोप लगाया; उच्च स्तरीय जांच की मांग। |
जुलाई 19, 2025 | कर्नाटक सरकार ने DGP प्रणब मोहंती की अगुवाई में SIT गठित की। वरिष्ठ अधिकारियों M.N. अनुचेत, सौम्यलता, J.K. दयामा सदस्य। |
जुलाई 25–27, 2025 | स्थानीय पुलिस से केस फाइल्स SIT के सुपुर्द; शिकायतकर्ता ने 13 संदिग्ध कब्रस्थलों की पहचान की। |
जुलाई 28–30, 2025 | नदी किनारे 5 स्थानों पर खुदाई, पर मानव अवशेष नहीं मिले। |
जुलाई 31, 2025 | साइट 6 पर खुदाई में आंशिक कंकाल व खोपड़ी मिली; डीएनए परीक्षण हेतु सुरक्षित। |
अगस्त 1–2, 2025 | साइट 7 पर 15 अस्थियाँ (पुरुष आशंका) बरामद; साइट 8 खाली; काम जारी। |
अगस्त 2025–वर्तमान | खुदाई व फोरेंसिक परीक्षण जारी; Mangaluru में helpline संचालन और सभी संबंधित केस SIT को स्थानांतरित। |
मुख्य गवाह एवं संदिग्ध
- मुखबिर (शिकायतकर्ता): 48 वर्षीय दलित, पूर्व सफाईकर्मचारी (1995–2014)। आरोप है कि मंदिर के उच्चाधिकारियों के दबाव में उन्होंने गुप्त कब्रों में शव दफनाए।
- कानूनी प्रतिनिधि: वरिष्ठ अधिवक्ता S. बालन, ओजस्वी गौड़ा, सचिन देशपांडे आदि ने गवाह सुरक्षा व SIT जांच की पैरवी की।
- पिड़ित परिवार: अनन्या भट़ की माँ सुजाता भट़ ने नया मामला दर्ज कराया; अन्य परिवार भी पुरानी गुमशुदा महिलाओं के मामलों को फिर से खोलने की मांग कर रहे हैं।
- मंदिर प्राधिकारी: हेग्गड़ परिवार (21वें धर्माधिकारी वीरेंद्र हेग्गड़े) ने जांच का स्वागत किया; प्रवक्ता K. पार्श्वनाथ जैन ने निष्पक्षता की आशा जताई।
- संदिग्ध: गवाह ने नाम न बताने वाले “शक्तिशाली व्यक्तियों” पर आरोप लगाया, जिन्हें मंदिर से संबंधी लोग माना जाता है। पुलिस ने अभी तक किसी का नाम नहीं लिया है।
SIT जांच की रूपरेखा
कर्नाटक सरकार ने 19 जुलाई को DGP प्रणब मोहंती के नेतृत्व में SIT का गठन किया। जांच में DIG M.N. अनुचेत, अधिकारियों सौम्यलता व J.K. दयामा को शामिल किया गया।
- स्थान निशान: गवाह के मार्गदर्शन, उपग्रह मानचित्र व सर्वेक्षण से 13 संदिग्ध कब्र स्थल चिन्हित।
- खुदाई: 28 जुलाई से शुरू, पहले 5 स्थल खाली; साइट 6 व 7 पर कंकाल व अस्थियाँ मिलीं।
- फोरेंसिक प्रक्रिया: अस्थियों का डीएनए परीक्षण व विश्लेषण; आगे ग्राउंड-पेनेटरिंग रडार का उपयोग विचाराधीन।
- सार्वजनिक सहभागिता: Mangaluru में helpline 0824-2005301, ईमेल sitdps@ksp.gov.in; सूचना देने के लिए प्रोत्साहन।
- मामले का विस्तार: सभी पुराने Padmalata, Sowjanya, Yamuna एवं अन्य गुमशुदा-मृत्यु मामले SIT के अधीन।
राजनीतिक व सामाजिक प्रभाव
धर्मस्थल हत्याकांड ने कर्नाटक में गहरी हलचल मचाई है। महिलाओं व दलित अधिकार समूहों ने निष्पक्ष जांच की माँग की है। AIDWA ने “निष्पक्ष SIT जांच” का प्रस्ताव पास किया।
- भाजपा ने राज्य सरकार पर मंदिर मामलों में आरोप लगाकर निशाना साधा।
- CM सिद्धारमैया ने जांच के समर्थन में सतर्क रुख अपनाया।
- मंदिर प्रशासन ने सहयोग का आश्वासन दिया।
जनता ने इसे भारत की सबसे चौंकाने वाली सामूहिक कब्र व महिलाओं के खिलाफ अपराध कहकर देखा है। स्थानीय परिवारों ने अब अपने हक के लिए सड़कों पर प्रदर्शन किए।
कानूनी कार्रवाई
- गवाह के वकीलों ने उच्च न्यायालय में गवाह सुरक्षा व न्यायालयीय निरीक्षण की याचिका डाली।
- मानवाधिकार समूहों ने NHRC व सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप की मांग की है।
- SIT को DGP व IGP को दैनिक रिपोर्ट करने का निर्देश।
धर्मस्थल हत्याकांड अब न्याय व्यवस्था, सामाजिक न्याय और मंदिर प्रशासन की पारदर्शिता की कसौटी बन चुका है।