दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर सुनील जैन भ्रष्टाचार मामला: 1 करोड़ की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तारी
अगस्त 2025 की शुरुआत में हरियाणा के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर सुनील जैन और उनके सहयोगी को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोप है कि इंस्पेक्टर जैन ने एक कारोबारी का नाम दो एफआईआर से हटाने के लिए ₹1 करोड़ की रिश्वत मांगी थी। यह एफआईआर दिल्ली के अलीपुर थाने में दर्ज की गई थीं।
1 अगस्त 2025 को ACB की टीम ने सोनीपत के एक स्कूल में ₹30 लाख नकद लेते हुए जैन के सहयोगी संदीप कुमार को रंगे हाथ पकड़ा। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और उन्हें सोनीपत की अदालत में पेश किया गया।
इंस्पेक्टर सुनील जैन का करियर पृष्ठभूमि
सुनील जैन एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं और दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच (स्पेशल सेल) में तैनात थे। उन्होंने अपने करियर में कई गंभीर मामलों की जांच की है। वर्ष 2018 में उन्होंने एक वांछित गैंगस्टर को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। 2014 में दिल्ली के ACB ने भी उनके खिलाफ नारकोटिक्स केस की जांच के दौरान रिश्वत मांगने का एक मामला (FIR No. 49/14) दर्ज किया था, जो सबूतों के अभाव में बंद कर दिया गया था।
जांच कैसे हुई?
शिकायतकर्ता विपिन कुमार (निवासी – गांव बदवासनी, हरियाणा) ने ACB को बताया कि सुनील जैन ने उसके रिश्तेदार का नाम दो एफआईआर से हटाने के लिए ₹1 करोड़ की मांग की थी। बातचीत के बाद यह रकम घटाकर ₹70 लाख कर दी गई। ACB ने इस जानकारी के आधार पर एक जाल बिछाया।
1 अगस्त 2025 को एसीबी इंस्पेक्टर प्रमिला की अगुवाई में टीम ने सोनीपत के एक निजी स्कूल (जो जैन के भाई का बताया गया) में छापा मारकर संदीप कुमार को ₹30 लाख लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। इसी समय पता चला कि सुनील जैन दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात थे और उनकी भी गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
आरोप और अदालत की कार्यवाही
सुनील जैन और संदीप कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इसमें सरकारी कर्मचारी द्वारा घूस मांगना, जबरन पैसा वसूलना और पद का दुरुपयोग जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।
गिरफ्तारी के बाद दोनों को सोनीपत की अदालत में पेश किया गया, जहां ACB ने उनकी रिमांड मांगी। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया और मामले की सुनवाई जारी है। अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं आया है और मामले की अगली सुनवाई जल्द ही निर्धारित है।