जूजुराना (Jujurana) – हिमालय का राजसी पक्षी

जूजुराना (Jujurana), जिसे Western Tragopan भी कहा जाता है, एक दुर्लभ और सुंदर पक्षी है, जो मुख्य रूप से हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। यह भारत के हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और नेपाल के कुछ भागों में मिलता है। इसका वैज्ञानिक नाम Tragopan melanocephalus है। यह पक्षी अपनी राजसी उपस्थिति, चमकदार रंगों और दुर्लभता के कारण ‘पक्षियों का राजा’ (King of Birds) भी कहलाता है।

पहचान और विशेषताएँ

जूजुराना मध्यम आकार का तीतर प्रजाति का पक्षी है। नर और मादा की उपस्थिति में स्पष्ट अंतर होता है –

  • नर जूजुराना: काले सिर, लाल और नीले चेहरे, चमकीले नारंगी और सफेद धब्बों से युक्त गहरे रंगों का होता है।
  • मादा जूजुराना: भूरे रंग की होती है और इसका रंग उसे जंगल में छिपने में मदद करता है।

प्राकृतिक आवास

यह पक्षी घने पर्वतीय जंगलों और 2,400 से 3,600 मीटर की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। गर्मियों में यह ऊँचाई पर रहता है, जबकि सर्दियों में यह निचले इलाकों में आ जाता है।

व्यवहार और प्रजनन

जूजुराना शर्मीला और एकांतप्रिय पक्षी होता है। यह मुख्य रूप से सुबह और शाम के समय सक्रिय रहता है। प्रजनन काल अप्रैल से जून के बीच होता है, जब नर पक्षी आकर्षक नृत्य और ध्वनि के माध्यम से मादा को आकर्षित करता है। मादा एकांत में 3-5 अंडे देती है और उन्हें सेती है।

संरक्षण स्थिति

जूजुराना की संख्या तेजी से घट रही है, जिसके कारण इसे “गंभीर रूप से संकटग्रस्त” (Critically Endangered) प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है। इसके विलुप्त होने के मुख्य कारण हैं:

  1. वनों की कटाई – प्राकृतिक आवास का नष्ट होना
  2. शिकार और अवैध व्यापार
  3. जलवायु परिवर्तन

संरक्षण प्रयास

  • हिमाचल प्रदेश ने इसे राज्य पक्षी घोषित किया है और इसके संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
  • ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और अन्य संरक्षित क्षेत्रों में इसकी सुरक्षा के उपाय किए गए हैं।
  • स्थानीय समुदायों को जागरूक किया जा रहा है ताकि वे इस पक्षी के संरक्षण में भाग ले सकें।

निष्कर्ष

जूजुराना न केवल हिमालय का गौरवशाली पक्षी है, बल्कि जैव विविधता के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके संरक्षण के लिए सरकार और पर्यावरणविद लगातार प्रयास कर रहे हैं। यदि उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह सुंदर पक्षी भविष्य में विलुप्त हो सकता है।

“प्रकृति के इन रंगीन जीवों को बचाना हमारी ज़िम्मेदारी है!”