बीरबल और राजा अकबर बात कर रहे थे कि कैसे कुछ पुरुष अपनी पत्नियों से डरते हैं। बीरबल ने कहा कि उन्हें लगता है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि जोरू (अंधेरे और पाताल के देवता) इन आदमियों को नियंत्रित करते हैं। राजा को यह विचार पसंद नहीं आया, इसलिए बीरबल ने कहा कि वह राजा से प्रजा को आदेश देने के लिए कहकर अपनी बात साबित करेंगे। राजा सहमत हो गया, और बीरबल ने कहा कि जो आदमी अपनी पत्नी से सबसे ज्यादा डरता है, वह अदालत में चिकन जमा करे।

एक आदमी जो अपनी पत्नी से डरता है उसे अदालत में जाना होगा और बीरबल के पास एक जीवित चिकन जमा करना होगा। जल्द ही, कई मुर्गियां बीरबल के पास इकट्ठा हो रही थीं और महल के बगीचे में घूम रही थीं।

बीरबल ने सुझाव दिया कि राजा मुर्गी घर खोलने के अपने आदेश को वापस ले लें, क्योंकि महल में बहुत अधिक मुर्गियां थीं। हालाँकि, राजा ने बीरबल के सुझाव को गंभीरता से नहीं लिया और महल में मुर्गियों की संख्या बढ़ती चली गई। अपनी बात को साबित करने के लिए बीरबल ने एक नई तरकीब निकाली – उन्होंने सुझाव दिया कि राजा पड़ोसी राज्य में एक राजकुमारी से मिलें। राजा चाहते तो बीरबल उनके साथ राजकुमारी को देखने जा सकते थे।

जब बीरबल ने यह सुना, तो वह चौंक गया और बोला, “वाह! दो रानियाँ पहले से ही महल में रहती हैं। अगर उन्हें पता चल गया, तो मैं सुरक्षित नहीं रहूँगा।”

बीरबल को आश्चर्य हुआ जब महाराज ने कहा कि वह अपने पास दो मुर्गियां जमा करना चाहते हैं। लेकिन बीरबल सहमत होने में नहीं हिचके।

बीरबल का ऐसा जवाब सुनकर राजा को शर्म आ गई और उन्होंने उसी समय अपना आदेश वापस ले लिया।

कहानी एक छोटी लड़की की है जो अपने पालतू बत्तख से बहुत कुछ सीखती है। वह सीखती है कि कैसे धैर्य रखना है और अपने बत्तख का सम्मान करना है।

इस कहानी में अकबर बीरबल हमें सिखाते हैं कि चतुर शब्दों का प्रयोग करके हम किसी भी बात को राजी कर सकते हैं। यदि हमें आवश्यकता हो, तो हम तर्क के अपने पक्ष को प्रस्तुत करने के लिए उन्हीं चतुर शब्दों का उपयोग भी कर सकते हैं।