कर दिया इज़हारे-इश्क हमने मोबाईल पर,
लाख रूपये की बात थी, दो रूपये में हो गई
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और भी चीज़ें बहुत सी लुट चुकीं हैं दिल के साथ,
ये बताया दोस्तों ने इश्क फ़रमाने के बाद,
इसलिये कमरे की एक-एक चीज़ ‘चैक’ करता हूँ,
एक तेरे आने से पहले एक तेरे आने के बाद
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खिड़की खुली जुल्फ़ें बिखरी, दिल ने कहा दिलदार निकला,
पर हाय रे मेरी फूटी किस्मत, नहाया हुआ सरदार निकला
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कहते हैं कि इश्क में नींद उड़ जाती है,
कोई हमसे भी इश्क करे,
कमबख्त नींद बहुत आती है
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प्यार के ज़ाम को ऐसे ना पियो कि,
आधा पिया और आधा छोड़ दिया,
यारों ये प्यार है प्यार, नही कोई विम बार,
जो थोड़ा सा लगाया और बस हो गया
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इधर खुदा है, उधर खुदा है,
जिधर देखो उधर खुदा है,
इधर-उधर बस खुदा ही खुदा है,
जिधर नही खुदा है, उधर कल खुदेगा
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तुमसा कोई दूसरा ज़मीं पर हुआ,
तो रब से शिकायत होगी,
एक तो झेला नही जाता,
दूसरा आ गया तो क्या हालत होगी
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दुरख्त के पैमानें पर चिल्मन-ए-हुस्न का फ़ुरकत से शरमाना,
दुरख्त के पैमानें पर चिल्मन-ए-हुस्न का फ़ुरकत से शरमाना,
ये ‘लाईन’ समझ में आये तो मुझे ज़रूर बताना
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तेरे घर पे सनम हज़ार बार आयेंगे,
तेरे घर पे सनम हज़ार बार आयेंगे,
घंटी बजायेंगे और भाग जायेंगे,
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क्यों अपनी कब्र खुद ही खोद रहा है ग़ालिब,
क्यों अपनी कब्र खुद ही खोद रहा है ग़ालिब,
ला, फवड़ा मुझे दे


“पूरी बोतल ना सही कम से कम एक जाम तो हो
जिनकी याद में हम बीमार पड़े हैं
कम से कम उन्हें जुकाम तो हो!”

“इधर खुदा है, उधर खुदा है
जिधर देखो, उधर खुदा है
इधर उधर बस खुदा ही खुदा है
जिधर नहीं खुदा वहाँ कल खुदेगा!”

“कृष्ण रास करे तो रसिला
हम करें तो कैरेक्टर ढीला
*कृष्ण में दिखते विष्णु और ब्रह्मा
हम में जग का सबसे निक्कमा!!”

“दूर से देखा तो पत्थर दिखता था
दूर से देखा तो पत्थर दिखता था
पास जाकर देखा तो….
पास जाकर देखा तो….
सचमुच पत्थर ही था……”

आपके हाथ में मोबाइल है
चेहरे पर कुत्ते जैसी स्माईल है
SMS की अच्छी खासी फाइल है
फिर भी SMS नही करते
ये कौनसा स्टाइल है
एक लड़का था दीवाना सा
मोबाइल लेके घूमता था
नज़रे झुका के, शरमाके
मोबाइल में कुछ करता था
जब भी मिलता था मुझसे
मुझसे पुछा करता था
चालू कैसे होता है, ये चालू कैसे होता है
दिल दो एक को… किसी नेक को…
जो समझे दिल के मेक को…
और…. जब टक सच्चा दिलदार न मिलें …
ट्राई करते रहो हेर एक को!!!!!!!!!
दरख्त के पैमाने पे चिलमन-ए-हुस्न का फुरकत से शरमाना
दरख्त के पैमाने पे चिलमन-ए-हुस्न का फुरकत से शरमाना
ये लाइन समझ में आए तो मुझे जरूर बताना!

काला न कहो मेरे महबूब को
काला न कहो मेरे महबूब को
खुदा तो तिल ही बना रहा था
प्याला लुढ़क गया!

ताजमहल देखकर बोला शाहजहाँ का पोता
ताजमहल देखकर बोला शाहजहाँ का पोता
अपना भी होता बैंक बैलेंस
अगर दादा आशिक ना होता!

एक गीत लिखा है मैंने आपकी सूरत देखकर
उस गीत को संगीत दिया मैंने आपकी मुस्कुराहट देखकर
पर उसे गाना भूल गया मैं आपकी आवाज को सुनकर!!

मैं आपको चाँद कहता, पर उसमें भी दाग है
मैं आपको सूरज कहता, पर उसमें भी आग है
मैं आपको बंदर कहता, पर उसमें भी दिमाग है!!!

“हँसती थी हँसाती थी
दिल को बहुत भाती थी
देख-देख शरमाती थी
फिर अंदर से मुस्कुराती थी
आज पता चला कि
वो तो एक पागल थी!!!”

“तुमसे मिलकर हो गया जिंदगी से प्यार,
अब हमें छोड़कर मत जाना मेरे यार,
बिन तेरे हम जी ना पाएँगे
तुम ना होंगे तो हम उल्लू किसे बनाएँगे!”

“ऐ दोस्त मत कर हसीनाओं से मोहब्बत
वह आँखों और बातों से वार करती हैं
मैंने तेरी वाली की आँखों में देखा है
वो मुझसे भी प्यार करती है!”

“मोहब्*बत के अंजाम से डर रहे हैं
निगाहों में अपनी लहू भर रहे हैं
मेरी प्रेमिका ले उड़ा और कोई
इक हम हैं कि बस शायरी कर रहे हैं!”

“बड़े लंबे होते हैं जिंदगी के ये रास्ते
दो कदम तुम चलो, दो कदम हम चलेंगे
बाद में टैक्सी कर लेंगे!!!”

“स्टूडेंट के दर्द को यूनिवर्सिटी क्या जाने
कॉलेज के रिवाजों को पेरेंट्स क्या जाने
होती है कितनी तकलीफ एक पेपर लिखने में
वो पेपर चैक करने वाले क्या जाने!!!”

“न इश्क कर मेरे यार
ये लड़कियाँ बहुत सताती हैं
न करना इन पर ऐतबार
यह खर्चा बहुत करवाती हैं
रिचार्ज तुम करवा के देते हो
और नंबर मेरा लगाती हैं!!”

“आसमान में काली घटा छाई है
आज फिर गर्लफ्रेंड से मार खाई है
मगर मेरी गलती नहीं है दोस्तों
पड़ोसवाली लड़की आज मिनी स्कर्ट पहनकर आई है…”

“वाह गालिब तूने क्या शेर मारा है
वाह गालिब तूने क्या शेर मारा है
अरे यार! देख जरा शेरनी कितना रो रही है!! “

“खुशबू ने फूल को एक अहसास बनाया
फूल ने बाग को कुछ खास बनाया
चाहत ने मोहब्बत को एक प्यास बनाया
और इस मोहब्बत ने एक और देवदास बनाया!”

“कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
तुम होती तो यह कहती
तुम होती तो वो कहती
इस बात पर हँसती
उस बात पर नाराज होती
शुक्र है तुम नहीं हो!”

“हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे
लफ्ज कागज पर उतर जादूगरी करने लगे
कामयाबी जिसने पाई उनके घर बस गए
जिनके दिल टूटे वो आशिक शायरी करने लगे!”

“वो हमें देख रहे थे तिरछी नजरों से, हमारे होश खो गए
वो हमें देख रहे थे तिरछी नजरों से, हमारे होश खो गए
जब हमें पता चला की उनकी नजरे ही तिरछी है
तो हम बेहोश हो गए!”

“खुद को कर बुलंद इतना कि
हिमालय की चोटी पर जा पहुँचे
और खुदा तुमसे पूछे
अबे गधे, अब उतरेगा कैसे?”

“फिजाओं में तुम हो
घटाओं में तुम हो
हवाओं में तुम हो
बहारों में तुम हो
धूप में तुम हो
छाँव में तुम हो
अब तुम ही बताओ मेरी जान
क्या तुम किसी भूत से कम हो!!”

“हम आपको देखना चाहते हैं
आप से मिलना चाहते हैं
पर लोग बहुत जालिम हैं
मुझे आपसे मिलने नहीं देते
कहते हैं कि जू बंद है, कल आना….”  )  )  )  )

“हम रात की तन्हाइयों से आपका जिक्र किया करते हैं
चाँद से आपकी बातें किया करते हैं
ना आओ हमारे ख्वाबों में यूँ तुम
हम भूत से बेहद डरा करते हैं!”

अरे हमें तो अपनों ने लूटा,
गैरों में कहाँ दम था.
मेरी हड्डी वहाँ टूटी,
जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.

मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला,
उसका पेट्रोल ख़त्म था.
मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया,
क्योंकि उसका किराया कम था.

मुझे डॉक्टरों ने उठाया,
नर्सों में कहाँ दम था.
मुझे जिस बेड पर लेटाया,
उसके नीचे बम था.

मुझे तो बम से उड़ाया,
गोली में कहाँ दम था.
और मुझे सड़क में दफनाया,
क्योंकि कब्रिस्तान में फंक्शन था |

आपकी याद में मैने कलम उठाई
लिया कागज, तस्वीर आपकी बनाई,
सोचा था दिल से लगा के रखूँगा उस तस्वीर को,
पर वो तो बच्चों को डराने के काम आई.   

लोग इश्क करते हैं, बड़े शोर के साथ
हमने भी किया, बड़े जोर के साथ
मगर अब करेंगे, थोडा़ गौर के साथ
क्योंकि कल उसको देखा, किसी ओर के साथ!

वो आज भी हमें देखकर मुस्कुराते हैं
वो आज भी हमें देख कर मुस्कुराते हैं
ये तो उनके बच्चे ही कमीने हैं
जो हमें मामा-मामा कहकर बुलाते हैं!

नई-नई शादी थी
नया-नया था जमाना
दुल्हा बेचैन था
सुनने को गाना
दुल्हन ने शुरू किया गाना
भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना…

इश्क एक से हो तो भोलापन है,
दो से हो तो अपनापन है,
तीन से हो तो दीवानापन है,
चार से हो तो पागलपन है,
फिर भी काउंटिंग ना रुके तो कमीनापन है!

चाँद पर काली घटा छाती तो होगी
सितारों में चमक आती तो होगी
तुम लाख छुपाओ दुनिया से मगर
अकेले में तुम्हें भी अपनी शक्ल पर हँसी आती तो होगी!

दुनिया से जो डरे, उसे कायर कहते हैं,
दुनिया जिससे डरे, उसे शायर कहते हैं,
और बीवी से जो डरे, उसे शौहर कहते हैं

अपनी तो मोहब्बत की इतनी कहानी है,
टूटी हुई कश्ती और तैरता हुआ पानी है,
एक फूल किताब में दम तोड़ चुका है,
मगर कुछ याद नहीं आता यह किसकी निशानी है!

फूलों से खूबसूरत कोई नही.
सागर से गहरा कोई नही.
अब आपकी क्या तारीफ करू…
ऐ दोस्त, आप जैसा… नालायक कोई नही!

आप क्या जानो हम आपको कितना याद करते हैं.
मानो या न मानो हर पल फरियाद करते हैं,
रोज़ ख़त लिखते हैं कार्टून नेटवर्क को…
और
बस आप को दिखने की मांग करते हैं।

दूर से देखा तो संतरा था,
पास गया तो भी संतरा था,
छिल के देखा तो भी संतरा था,
खा के देखा तो भी संतरा था। वाह! क्या संतरा था।